लौट के क्यों नहीं आयी। लौट के क्यों नहीं आयी।
तुम एक हवा के , झोंके के माफ़िक ! मुझे छूकर , गुजर जाते हो! तुम एक हवा के , झोंके के माफ़िक ! मुझे छूकर , गुजर जाते हो!
बड़ी जोर से अंदर आने की ज़ुर्रत कर रहा था एक छोटा मोटा हवा का झोंका । बड़ी जोर से अंदर आने की ज़ुर्रत कर रहा था एक छोटा मोटा हवा का झोंका ।
तुम.. एक हवा के झोंके के माफ़िक ! मुझे छूकर , गुज़र जाते हो! तुम.. एक हवा के झोंके के माफ़िक ! मुझे छूकर , गुज़र जाते हो!
और बस यूं ही हो जाए, पूरी हमारी सारी मुरादें। और बस यूं ही हो जाए, पूरी हमारी सारी मुरादें।
जीवन में उथल पुथल ही मचाते तिगनी का नाच ही हमें नचाते। जीवन में उथल पुथल ही मचाते तिगनी का नाच ही हमें नचाते।